Mene Rajasthan patrika k Balhans department se baat ki thi.unhone bataya ki Rajasthan Patrika ki library se apko kuch stories mil sakti hain or pese bhi lagenge.
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ये सारा काम अनंत कुशवाहा जी का है, पत्रिका में रोजाना कॉमिक स्ट्रिप भी आती थी, उसमें बहुत अच्छी कहानियां थीं, अगर वह भी मिल सके तो मज़ा आ जाए, बालहंस चित्रकथा विशेषांक का एक अंक केवल वयस्कों के लिए भी था, उसमें बेहद रोमांचक चित्रकथाएं थीं, नानी के घर जाते वक्त मैंने खरीदी थी, जब घरवालों ने पढ़ी तो फिर मुझे वापस नहीं दी :( इसका मुझे बहुत दुख है कि मैने उसे खो दिया। मेरे पास सारे चित्रकथा विशेषांकों का कलेक्शन था, एक बार मेरा पड़ोसी मुझसे पढ़ने के लिए मांग कर ले गया और उसकी मां ने वह किताबें रद्दी में बेच दी.. मैं बहुत रोया, मुझे आज भी गुस्सा आता है उस बेवकूफ जाहिल परिवार पर..
फिर जब कॉलेज में मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई, उसके पास बालहंस के चित्रकथा विशेषांक थे, उसे भी पढ़ने का शौक है.. मैने उससे शादी कर ली और मुझे खोई हुई बालहंस ऐसे वापस मिल गई..
पर अनंत कुशवाहा जी के पूरे काम को मैं वापस reproduce करना/करवाना चाहता हूं..
और भी लोक चित्र कथाएँ है
ReplyDeletePlease let me know if there are any more balhans stories available on other sites
DeleteMene Rajasthan patrika k Balhans department se baat ki thi.unhone bataya ki Rajasthan Patrika ki library se apko kuch stories mil sakti hain or pese bhi lagenge.
DeleteMene Rajasthan patrika k Balhans department se baat ki thi.unhone bataya ki Rajasthan Patrika ki library se apko kuch stories mil sakti hain or pese bhi lagenge.
DeleteI am ready to pay. Please share their contact number
DeleteThanks for the upload. I started it when i was a kid but never completed it. Today i finally read the complete story. :)
ReplyDeleteMene bachpan mai ye kahani read kar li hai ek aur hai Ajab Az ye kahani bhi bahut badiya hai
ReplyDeleteये सारा काम अनंत कुशवाहा जी का है, पत्रिका में रोजाना कॉमिक स्ट्रिप भी आती थी, उसमें बहुत अच्छी कहानियां थीं, अगर वह भी मिल सके तो मज़ा आ जाए, बालहंस चित्रकथा विशेषांक का एक अंक केवल वयस्कों के लिए भी था, उसमें बेहद रोमांचक चित्रकथाएं थीं, नानी के घर जाते वक्त मैंने खरीदी थी, जब घरवालों ने पढ़ी तो फिर मुझे वापस नहीं दी :(
ReplyDeleteइसका मुझे बहुत दुख है कि मैने उसे खो दिया।
मेरे पास सारे चित्रकथा विशेषांकों का कलेक्शन था, एक बार मेरा पड़ोसी मुझसे पढ़ने के लिए मांग कर ले गया और उसकी मां ने वह किताबें रद्दी में बेच दी..
मैं बहुत रोया, मुझे आज भी गुस्सा आता है उस बेवकूफ जाहिल परिवार पर..
फिर जब कॉलेज में मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई, उसके पास बालहंस के चित्रकथा विशेषांक थे, उसे भी पढ़ने का शौक है..
मैने उससे शादी कर ली और मुझे खोई हुई बालहंस ऐसे वापस मिल गई..
पर अनंत कुशवाहा जी के पूरे काम को मैं वापस reproduce करना/करवाना चाहता हूं..
अगर कोई मदद करे तो हम यह प्रयास कर सकते हैं।
धन्यवाद
कई कॉमिक्स रीप्रिंट हो रही है। यह भी हो सकता है। आप प्रयास करिये। कॉमिक्स इंडिया वालो से सम्पर्क करिये।
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